पूजा प्रसंग
कालसर्प पूजा
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में काल सर्प दोष है तो उसका पता बहुत आसानी से लगाया जा सकता है। काल सर्प दोष होने पर व्यक्ति को शिक्षा का बाधा, जॉब में समस्या, बिजनेस में बहुत मेहनत करने के बाद भी हानि होने लगती है। इसके अलावा व्यक्ति गलत संगत में शामिल होने लगता है। मन में हमेशा नकारात्मक विचार आना, खुद को असफल समझना, आत्महत्या करने का विचार आना, दांपत्य जीवन में कलह और तनाव का रहना, संतान उत्पत्ति में बाधा इसके अलावा प्रेम संबंधों में बाधा और परेशानी का आना कालसर्प दोष के लक्षण है।
काल सर्प दोष निवारण हेतु उज्जैन में हमारे आश्रम के विद्वान ब्राहमणों द्वारा विशेष पूजा संपन्न कराई जाती है ।
मंगल भात पूजा
सम्पूर्ण विश्व में भारत देश के अंर्तगत मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में एक मात्र मंग्रल ग्रह का मंदिर है। यह शिवलिंग मंगल ग्रह के प्रतीक स्वरूप में जाना जाता है तथा यहॉ पर पूजन, अभिषेक, जाप व दर्शन से मंगलदोष का निवारण होता है। मंगल दोष निवारण भात पूजन द्वारा एक मात्र अवंतिका ( उज्जैन ) में ही सम्पन्न कराया जाता है। यहॉ विधिवत् भात पूजन कराने से मंगल ग्रह के दुष्प्रभाव में कमी आकर शुभ फलो की वृद्धि होती है। यहां शिवलिंग का भात पूजन कर मंगल शांति की जाती है। यही नहीं भगवान का कुमकुम और गुलाब या लाल पुष्पों से अभिषेक भी किया जाता है। भात पूजन से मंगल दोष का निवारण हो जाता है। व्यक्ति को इस शांति के बाद नौकरी और विवाह के साथ अन्य परेशानियां नहीं आती।
मगल भात पूजा उज्जैन में हमारे आश्रम के विद्वान ब्राहमणों द्वारा संपन्न कराई जाती है ।
पितृ दोष निवारण
भूत पिशाच बाधा, व्यापार में असफल, पैसे की बर्बादी, परिवार स्वास्थ्य समस्याएं, कई परिवार के सदस्यों में अन्य लोगों के, शैक्षिक बाधा, शादी की समस्याओं, दुर्घटना में मृत्यु, अनावश्यक व्यय, स्वास्थ्य समस्याओं के साथ तर्क, अभिशाप जैसी सभी तरह की समस्याओं के लिए, पितृ दोष निवारण विभिन्न समस्याओं से राहत पाने के लिए किया जाता है।
पितृ दोष निवारण पूजा उज्जैन में हमारे आश्रम के विद्वान ब्राहमणों द्वारा संपन्न कराई जाती है ।
कुंभ विवाह
यदि कन्या की कुंडली में वैधव्य, संबंध विच्छेद अथवा बहुविवाह योग हो तो उसका समाधान अनिवार्य है। इस संदर्भ में यदि कन्या की कुंडली में ‘वैधव्य दोष’ हो तो शास्त्रों में कुंभ विवाह करने का निर्देश दिया है।
हमारे आश्रम के विद्वान ब्राहमणों द्वारा कुंभ विवाह विधि विधान से संपन्न कराया जाता है।
अर्क विवाह
पुरुषों के विवाह में आ रहे विलम्ब या अन्य दोषो को दूर करने के लिए किसी कन्या से विवाह से पूर्व उस पुरुष का विवाह सूर्य पुत्री, जो की अर्क वृक्ष के रूप में विद्धमान है से करवा कर विवाह में आ रहे समस्त प्रकार के दोषो से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है, इसी विवाह पद्द्ति को अर्क विवाह कहा जाता है।
हमारे आश्रम के विद्वान ब्राहमणों द्वाराअर्क विवाह पूर्ण विधिवत संपन्न कराया जाता है।
नवग्रह पूजा
नौ ग्रहों के आशीर्वाद के लिए नवग्रह पूजा (Navgrah Puja) जरूरी मानी जाती है, मान्यता है कि दुर्भाग्य हटाने के लिए नौ ग्रहों के सभी नकारात्मक प्रभाव दूर करने और सुख-शांति के लिए नवग्रह पूजा होती है। जीवन में सफलता के लिए घर पर नवग्रह पूजा कराने का विशेष महत्व रहता है। नवग्रह वे प्रमुख ग्रह हैं, जिनका हमारे जीवन में बहुत महत्व है। ये मनुष्य की नियति तय करने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। नौ ग्रहों की अलग-अलग महत्ता है. ये ग्रह विशेष फलदायक होते हैं। इसलिए इनके पूजा का बहुत महत्व होता है।
हमारे आश्रम के विद्वान ब्राहमणों द्वारा नवग्रह शांति पूजा पूर्ण विधिवत संपन्न कराई जाती है।
अंगारक योग
अंगारक योग के कारण व्यक्ति का स्वभाव आक्रामक, हिंसक तथा नकारात्मक हो जाता है। अपने भाइयों, मित्रों तथा अन्य रिश्तेदारों के साथ भी संबंध भी खराब हो जाते हैं। धन संबंधित परेशानियां भी बनी रहती है। अगर किसी महिला की कुंडली में यह योग हो तो उसे संतान प्राप्ति में बाधा उत्पन्न होती है। इस योग के शांति के उपाय न करने पर लंबे समय तक परेशानियों से जूझना पड़ सकता है।
हमारे आश्रम के विद्वान ब्राहमणों द्वारा अंगारक दोष निवारण पूजा पूर्ण विधिवत संपन्न कराई जाती है।
चंडाल दोष निवारण
अगर कुंडली में चंडाल दोष बनता है तो जातक षड्यंत्र रचता है, अनैतिक व्यवहार अपनाता है, उसका पराई स्त्रियों में मन लगता है एवं उसका चारित्रिक पतन होता है। इसके अलावा राहु – चोरी, जुआ, सट्टा, अनैतिक तरीके से धन अर्जन की प्रवृत्ति, मद्यपान सहित हिंसक व्यवहार आदि प्रवृत्तियों को बढ़ावा देता है।
हमारे आश्रम के विद्वान ब्राहमणों द्वारा चंडाल दोष निवारण पूजा पूर्ण विधिवत संपन्न करा कर अतिशीघ्र शुभ फल प्राप्त कर सकते है।